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ग्लोबल गैप प्रमाणन पर्यावरण के अनुकूल कृषि उत्पादों की गुणवत्ता के लिए समर्पित

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संवाददाता।
-आने वाली पीढ़ी को स्वास्थ्यवर्धक व सुरक्षित भोजन देने के लिए 
ग्लोबल गैप प्रमाणन आवश्यक
-खाद्य और अन्य कृ़षि उत्पादों का उत्पादन वर्तमान की आवश्यकताओं और भविष्य की मांगों को पूरा करने की क्षमता के साथ हो संतुलन
-प्रदेश के किसानों को यूरोपीय देशों में निर्यात हेतु आवश्यक ग्लोबल गैप प्रमाणीकरण की जानकारी हेतु जागरूक किया जाए
- दिनेश प्रताप सिंह

लखनऊ।

उत्तर प्रदेश के उद्यान, कृषि विपणन एवं कृषि विदेश व्यापार एवं कृषि निर्यात राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिनेश प्रताप सिंह ने कहा कि ग्लोबल गैप प्रमाणन कृषि उत्पादों के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एक मान्यता प्राप्त प्रमाणन है, जो कि पर्यावरण के अनुकूल कृषि उत्पादों की गुणवत्ता के लिए समर्पित है। इससे कृषि उपजों में रसायनों के प्रयोग को कम करने को बढ़ावा मिलेगा, कृषकों की आय में वृद्धि होगी और लोगों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को मजबूती मिलेगी, जिससे आने वाली पीढ़ी को भी स्वास्थ्य वर्धक व सुरक्षित भोजन मिलेगा।
राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री दिनेश प्रताप सिंह ने शुक्रवार को गोमती नगर के मण्डी परिषद सभागार में अंतराष्ट्रीय बाजार में लागू अच्छी कृषि पद्धतियों ग्लोबल गैप (गुड एग्रीकल्चर प्रैक्टिसेज) प्रमाणीकरण का हाईब्रिड मोड में आयोजित एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रदेश के प्रमुख कृषि निर्यातोन्मुखी एफपीओ/एफपीसी, कृषि विपणन एवं कृषि विदेश व्यापार निदेशालय एवं उद्यान विभाग के अधिकारियों के लिए आयोजित किया गया था, जिसमें लगभग 125 प्रतिभागियों द्वारा आनलाइन भी प्रतिभाग किया गया। यह प्रशिक्षण भारत में ग्लोबल गैप की अधिकृत संस्था एसजीएस इंडिया प्रा0 लि0, मुम्बई के नेशनल मैनेजर-फूड एण्ड एग्रीकल्चर श्री नीरज पुरी द्वारा प्रदान किया गया। 
इस अवसर पर मंत्री श्री दिनेश प्रताप सिंह ने कहा कि ग्लोबल गैप मिशन का उद्देश्य सुरक्षित और अधिक प्रभावी कृषि पद्धतियों को वैश्विक रूप से अपनाना है। जिससे खाद्य और अन्य कृ़षि उत्पादों का उत्पादन वर्तमान की आवश्यकताओं और भविष्य की मांगों को पूरा करने की क्षमता के साथ संतुलित हो सके। ग्लोबल गैप प्रमाणन सबसे सम्मानित तथा अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त मानक है। विश्व भर के लगभग 02 लाख उत्पादक इसमें सम्मिलित हैं। 
कार्यक्रम के दौरान उन्होंने निर्देश दिये कि प्रदेश के कृषि, उद्यान तथा कृषि विपणन एवं कृषि विदेश व्यापार निदेशालय/विभाग के मण्डलीय अधिकारियों को ग्लोबल गैप के मास्टर ट्रेनर का प्रशिक्षण कराया जाय तथा इन मानकों का हिन्दी भाषा में एक सरलीकृत पैम्पलेट तैयार कर वितरित किया जाय, जिससे प्रदेश के किसानों में यूरोपीय देशों में निर्यात हेतु आवश्यक इस अन्तर्राष्ट्रीय प्रमाणीकरण को सरलता से जागरूक किया जा सके। प्रदेश के प्रत्येक ब्लाक में एक निर्यात योग्य उत्पाद का प्रगतिशील किसान/एफपीओ, एफपीसी को उक्त उत्पाद हेतु ग्लोबल गैप का प्रशिक्षण दिलाया जाना सुनिश्चित किया जाय। उन्होंने कृषि विपणन एवं कृषि विदेश व्यापार निदेशालय का दूरभाष नंम्बर 0522-2707587 तथा उप निदेशक, उद्यान का दूरभाष नम्बर 9415130984 नोट कराया, जिस पर कृषि निर्यात से सम्बंधित किसी भी समस्या अथवा समस्या का समाधान प्राप्त किया जा सकेगा।
कार्यक्रम में ग्लोबल गैप के जर्मनी स्थित मुख्यालय की प्रोग्राम कोआडिनेटर गैबरीला कोरल एलानिस ने कार्यक्रम में आनलाइन प्रतिभाग करते हुए प्रदेश में ग्लोबल गैप मास्टंर ट्रेनर तैयार करने हेतु संस्था द्वारा चलाये जा रहे प्रशिक्षण कार्यक्रम के बारे में विस्तार से बताया। 
प्रशिक्षण में अपर मुख्य् सचिव उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण श्री बी0एल0 मीणा, कृषि विपणन एवं कृषि विदेश व्यापार निदेशक श्री टी0के0 शिबु, उप निदेशक डा0 सुग्रीव शुक्ल, इन्डो जर्मन प्रोजेक्ट जयपुर के डिप्टी टीम लीडर श्री प्रत्यूश रंजन सिंह, ग्लोबल गैप मुम्बई के एडवाइजर संदीप मधुकर सोनकूल सहित उद्यान एवं कृषि विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

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