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संवाददाता
-महंत श्री विवेकानंद गिरी ने बताया कि नवरात्रि के आठवें दिन महागौरी पूजन के विशेष अवसर पर प्राचीन काल से चली आ रही।
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लखनऊ।
परंपरा के अनुसार 2500 वर्ष पुरानी अष्टधातु से निर्मित भगवती की प्रतिमा का विधि विधान से पूजन अर्चना कर
भक्तों के दर्शन हेतु प्रातः काल गर्भ ग्रह में दो दिवस के लिए स्थापित किया गया। अष्टधातु से निर्मित इस प्रतिमा का
भक्तों के दर्शन हेतु चैत्र और अश्विन के नवरात्र के अष्टमी और नवमी के दिन प्राचीन काल से स्थापित किया जा रहा है। मीडिया प्रभारी अभय उपाध्याय ने बताया अष्टधातु की भगवती की प्रतिमा का उत्कर्ष अग्रवाल द्वारा अभिषेक कर स्थापना की गई जोकि विश्व में भगवती का अत्यंत ही दुर्लभ विग्रह है जो की पौराणिक एवं ऐतिहासिक महत्व रखता है। भक्तों का मानना है कि इसके दुर्लभ दर्शन मात्र से कष्टों का हरण होता है। भगवती के इस स्वरूप के दर्शन के लिए सुबह से ही भक्तों की भारी भीड़ उमड़ रही है। आज विशेष रूप से उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री स्वतंत्र सिंह भाजपा वरिष्ठ नेता अंजनी श्रीवास्तव ने दर्शन किया। मंदिर व्यवस्था में मुख्य रूप से विकास तिवारी, मुकुंद मिश्रा वैभव सिंह,पंकज उपाध्याय,धीरू अवस्थी, राहुल, तुषार वर्मा, प्रकाश, आदर्श मिश्रा, देवराज सिंह, दीप प्रकाश,आकाश एवं अन्य सेवक उपस्थित रहे।
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