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संवाददाता। लखनऊ
आदिकाल से अब तक सनातन पर चोट होती रही। हमने दुनिया को परिवार माना,हम पशु-पक्षी ही नही वनस्पतियों को भी कभी वटसावित्री व्रत तो कही आंवला नवमी मना कर सम्मान देते है। यह उद्गार सनातन धर्म परिषद (रक्षा वाहिनी) की ओर से आयोजित सम्मान समारोह एवं अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में व्यक्त किए।
राजधानी के विशलखण्ड गोमती नगर स्थित सीएमएस आडिटोरियम में आयोजित एक भव्य समारोह में बतौर मुख्य अतिथि उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा जहाँ सनातन नहीं उन देशों में देखो। मा-बाप,बेटी बेटा सब अपनी मर्जी के मालिक है खुद को विकसित कहते हैं पर संवेदनहीन हैं।सनातन की रक्षा हमारा पहला कर्तव्य है।इससे पूर्व परिषद के वैश्विक अध्यक्ष अवध बिहारी दास जी,रक्षा वाहिनी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ.सुधांशु मोहन श्रीवास्तव एवं कार्यक्रम के परामर्शदाता डॉ. सर्वेश अस्थाना के साथ मुख्य अतिथि उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने दीप जलाकर कार्यक्रम की शुरुआत की।
कार्यक्रम में सनातन धर्म परिषद की रक्षा वाहिनी प्रदेश की 10 सदस्ययी कार्यकरिणी का शपथ ग्रहण प्रदेश अध्य्क्ष डॉ. सुधांशु मोहन श्रीवास्तव की अध्यक्षता में हुआ। कार्यकारिणी को पद की शपथ संगठन के वैश्विक अध्यक्ष अवध बिहारी दास ने दिलाई।
रक्षा वाहिनी की ओर से आयोजित सनातन रक्षा सम्मान के तहत हनुमानगढ़ी अयोध्या के महंत राजूदास, मनकामेश्वर मंदिर की महंत दिव्या गिरी, सनातन संवाहक अयोध्या आलोकनन्द व्यास सहित 20 विभूतियों को माला पहनकर, अंगवस्त्र व प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया।सम्मनित होने वालों में महापौर लखनऊ सुषमा खर्कवाल, सिटी मांटेसरी स्कूल समूह की संस्थापिका डॉ. भारतीगांधी,पीजीआई लखनऊ रेडियोलॉजिस्ट विभाग की प्रमुख डॉ. अर्चना गुप्ता,दूरदर्शन लखनऊ के कार्यक्रम प्रमुख आत्म प्रकाश मिश्रा, सेंट जोसेफ विद्यालय समूह की संस्थापिका पुष्पलता अग्रवाल, विवेकानंद केंद्र लखनऊ के प्रांत प्रचारक डॉ.दयानंद लाल,पायनियर मांटेसरी स्कूल के प्रबंधक ब्रजेन्द्र सिंह,प्राचीन लेटे हुए हनुमान मंदिर ट्रस्ट लखनऊ के मुख्य सेवादार विवेक तांगड़ी, सनातन साहित्यकार डॉ. अवधी हरि, व्यवसायी एवं समाजसेवी मुरलीधर आहुजा, अवधी भाषा सेवक विनोद मिश्रा, समाजसेवक एवं पीठाधीश्वर धनोखर चक्रतीर्थ बाराबंकी रंजीत बहादुर श्रीवास्तव, भाजपा नेता संतोष श्रीवास्तव, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता दीपक रंजन,बालाजी महासभा की राष्ट्रीय अध्यक्ष शीतल शैलेंद्र तिवारी,सिटीजन डेवलपमेंट फॉउंडेशन की निदेशक शालिनी सिंह व लखनऊ के समाजसेवी आकाश सिंह शामिल थे।
कवि सम्मेलन
मात्र सनातन शेष रहेगालखनऊ।इस दुनिया के अंतिम क्षण तक,अपना भारत देश रहेगा।आदि-अंत से परे धरा पर ,मात्र सनातन शेष रहेगा।राजधानी के कवि मुकुल महान की लाइनों पर पूरा आडिटोरियम तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा।
सनातन रक्षा परिषद की ओर से सीएमएस विशलखण्ड गोमती नगर में आयोजित अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में आए कवियों ने सनातन धर्म, संस्कृति और परंपराओं को अपनी रचनाओं से इंगित किया। वरिष्ठ गीतकार डॉ. विष्णु सक्सेना -
हमको जाना है किधर जानता नहीं कोई
कौन सी राह सही जानता नहीं कोई
जो जरूरी है उसे मांगता नहीं कोई
आज दुनियां में सभी राम को तो मान रहे
राम की बात यहां मानता नहीं कोई।
सुनाकर लोगों को इस ओर सोचने को मजबूर कर दिया। हास्य कवि सर्वेश अस्थाना के संयोजन एवं संचालन में देर रात तक चले कवि सम्मेलन में प्रसिद्ध कवि दिनेश रघुवंशी ने सुनाया तीन रंगों का यहां सम्मान सबके दिल में है, देश की खातिर अरमान सबके दिल में हैं। कौन कर सकता है हमको एक-दूजे से अलग। लखीमपुर खीरी से आए ओज कवि आशीष अनल ने सामाजिक परिस्थितियों को कुछ यूं उजागर किया हिन्दू बहना कि राखी मुस्लिम कलाई पर,
इतिहास वाले वह पृष्ठ कहा खो गए,
हमने तो अशफाक ओ हमीद मन तुम्हे,
तुम कैसे इंडियन मुजाहिदीन हो गए। राहुल शर्मा ने सुनाया सब सुगंधों का समवेत सुरभित्व हैं। खुद विधाता ने ओढ़ा जो व्यक्तित्व हैं। आस्था राम से अस्मिता राम से।
राम पूरे सनातन का अस्तित्व हैं।
प्रतापगढ़ से आई कवियत्री साक्षी तिवारी ने -धर्म ध्वजा ना मैली हो,संस्कृति का ऊंचा शिखर रहे,
सत्य सनातन धर्म हमारा युगों-युगों तक अमर रहेगा
सुनकर तालिया बटोरी।
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