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बहेलिया जनजाति विकास मंच द्वारा विमुक्ति दिवस कार्यक्रम का आयोजन संपन्न हुआ

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संवाददाता। लखनऊ 
उत्तर प्रदेश प्रान्त के विमुक्त घूमन्तु अर्धघूमन्तु समाज के अन्तर्गत आने वाले बहेलिया बावरी समाज से सम्बन्ध रखता हूँ। और प्रान्त के जिला गुरादाबाद का स्थायी निवासी हूँ। मैं सदा जीवन भर विमुक्त घूमन्तु अर्धघूमन्तु शोषित एवं पीड़ित वर्गों के प्रति राष्ट्रीय स्तर पर जागरूकरता के लिए कार्य करता हूँ जिन वर्गों के जीवन स्तर को ऊचा उठाने के लिए परम प्रधानमंत्री और प्रदेश के मुख्यमंत्रियों को समय समय पर उपरोक्त वर्गों के उत्थान सम्बन्धित सुझाव भेजता हूँ देश की आजादी के 75 वर्ष बाद भी आज तक समाज के निचले पायदान पर रह रहे समाजिक आर्थिक शैक्षिणिक एवं राजनैतिज्ञ तौर से अति शोषित वर्ग को अन्य समाजों के बराबरी के तौर पर लाने के लिए जो कार्य किया जाना चाहिए था। वह अब तक नहीं हो पाया है। वैसे तो प्रधानमंत्री ने सभी समाज के उत्थान के लिए अनेक योजनाएं व कार्यक्रम बनाये हैं वास्तव में वह बड़े सराहनीय साबित हुए हैं लेकिन किन्हीं कारणों से उनकी कलम से इन अति शोषित समाजों के उत्थान के लिए जो सबसे जरूरी कार्य किया जाना था वह अभी तक नहीं हुआ है। वैसे तो भारत सरकार ने अग्रेजों के द्वारा बनाये गये 1500 पुराने कानूनों को पूरी तरह खत्म कर दिया है,लेकिन अंग्रेजी सरकार द्वारा इन वर्गों के खिलाफ हेफजूएल अफेन्डर नाम का एक ऐसा कानून बनाया जिसके तहत इन वर्गो को लम्बे समय तक बिना किसी अपराध बिना किसी कारण बताये जेल में रखा जा सकता था। इन समाजो की 2011 की जनगणना के अनुसार पूरे भारत में जनसंख्या लगभग 15 करोड के आसपास थी जो अबबढ़कर 20 करोड़ हो गयी है। आज मैं आपसे मिलकर इन समाजों के उत्थान के लिए और दूसरे समाजों के बराबरी में लाये जाने के लिए जो कार्य किये जाने चाहिए वह बिन्दुवार लिख कर दे रहा हूँ- इन वर्गों पर अग्रेजों द्वारा बनाया गया जयराम पेशा एक्ट हेफजुएल अफेन्डर एक्ट नाम का कानून जो आज देश में लागू है इस कानून को सारे देश में अति शीघ्र समाप्त किया जाये। राष्ट्रीय स्तर पर इन वर्गों के बने विमुक्त जाति घूमन्तु अर्धधूमन्तु आयोग व बोर्ड का गठन किया जाये।और आपकी पार्टी में इस नाम से प्रकोष्ठ का गठन किया जाये। इन वर्गों के बच्चों के लिए अलग से आवासीय विद्यालय खोले जाये।जहाँ पर यह अपने मूल वातावरण से निकल कर एक सभ्य समाज की तरह पढ़ लिख कर अपने समाज का उत्थान कर सकें। इन वर्गों के बहुतयात लोग आज भी सड़कों पर घोड़ागाड़ी व झुग्गियों में रहकर अपना जीवन यापन कर रहे हैं। इनके सिर पर छत देने का कार्य किया जाये। इन वर्गों में 90 प्रतिशत लोग भूमिहीन है पूर्व प्रधानमंत्री इन्दिरा के समय कुछ लोगों को भूमि पटट्टे आवंटित किये गये थे। उसी प्रकार आपकी सरकार में भी इन लोगों को चिहिन्त कर भूमि पटटे आवंटित किये जाने चाहिए। घूमन्तु अर्धघूमन्तु जनजाति होने के नाते इनके एस०टी० के जाति प्रमाण पत्र बनवाये जाये। जिससे इनका मूल आरक्षण इन्हें मिल पाये। मैं आशा नहीं पूर्ण विश्वास करता हूँ कि आप मेरे इस पत्र को अच्छे से पढ़ कर मेरे इन घूमन्तु जनजातियों पर आपकी कलम से एक बहुत बड़ा एहसान करेंगी।

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