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संवाददाता। लखनऊ
बाल अधिकार कार्यकर्ता व न्यायालय बाल कल्याण समिति के सहायक व्यक्ति आलोक मिश्रा ने अपने पूरे परिवार के साथ वृक्षारोपण कर अपनी एकलौती पुत्री आर्वी का पहला जन्मदिन मनाया।
विगत कुछ वर्षों से पर्यावरण में हो रहे बदलाव जैसे अधिक तापमान, न्यूनतम बारिश, भूमिगत जलस्तर का निरन्तर नीचे जाना आदि ने सोचने पर मजबूर कर दिया है। जिसके लिये आवश्यक है कि वर्तमान पीढ़ी के साथ-साथ आने वाली पीढ़ी भी पर्यावरण के प्रति सजग रहे। इसके लिये बच्चों को सीधा पर्यावरण से जुड़ना व पर्यावरण के प्रति जागरूक व सजग होना आवश्यक है। इसके लिये बच्चों को पर्यावरण से बच्चों को जोड़ने की शुरूआत सभी अभिभावकों को करनी होगी।
बता दें कि आलोक मिश्रा एक सामाजिक बाल अधिकार कार्यकर्ता हैं जिन्होंने अब तक अपने सहयोगियों के साथ मिलकर विभिन्न क्षेत्रों के लगभग 500 से भी अधिक बच्चों का बाल विवाह होने से रूकवाया है तथा बाल श्रम में लिप्त लगभग 100 बच्चों को मुक्त करवाने के साथ ही बाल यौन शोषण का शिकार हुए बच्चों की मदद भी कर रहे हैं।
किन्तु अब वह बच्चों के माध्यम से ही पर्यावरण के प्रति लोगों में जागरूकता लाने का प्रयास कर रहे हैं जिसकी शुरूआत उन्होनें अपने ही घर से की है। आलोक मिश्रा व उनकी पत्नी रिचा मिश्रा ने बताया कि उन्होनें संकल्प लिया है कि वह हर वर्ष अपनी पुत्री आर्वी के जन्मदिन पर सार्वजनिक स्थानों पर वृक्षारोपण करेंगे व साथ ही अन्य लोगों को भी इससे जुड़ने के लिये प्रेरित करेंगे। जिससे उनके बच्चे पर्यावरण के प्रति सजग होंगे और समाज में बदलाव की भी शुरूआत होगी।
इस मौके पर आलोक मिश्रा, रिचा मिश्रा व उनके परिजनो के अलावा संवाद सामाजिक संस्थान के सचिव श्री अतुल तिवारी व उनकी टीम मौजूद रही। सभी ने इस नई पहल की काफी सराहना की व बच्ची आर्वी को आशीर्वाद दिया।
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