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संवाददाता। लखनऊ 
प्रदेश के 992 राजकीय/सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-1986 के तहत संचालित केन्द्र पुरोनिर्धारित व्यावसायिक शिक्षा योजनान्तर्गत कार्यरत व्यावसायिक शिक्षकों के मानदेय पुनरीक्षण का कार्य आठ वर्षों के कठोर संघर्षोपरान्त आज योगी कैबिनेट ने इनके मानदेय पुनरीक्षण पर सप्तम वेतन समिति की संस्तुतियों के क्रम में मानदेय पुनरीक्षण पर मुहर लगा दी है, जिसके लिए माध्यमिक व्यावसायिक शिक्षक संघ प्रदेश अध्यक्ष बच्चा लाल,प्रदेश कोषाध्यक्ष राम सिंह, महामंत्री श्री नारायण चतुर्वेदी, उपाध्यक्षगण शिवानी यादव, संध्या पांडे,नरसिंह बहादुर सिंह,दिनेश तिवारी, संरक्षक चंद्रभूषण सिंह,वितनियंत्रक कमलेश श्रीवास्तव,जिलाध्यक्ष अयोध्या गिरजेश त्रिपाठी,जिलामंत्री अयोध्या जितेंद्र पांडे,कृष्ण देव चौबे,अंसार अहमद,वीरेश मिश्रा,विनोद विश्वकर्मा,राम बहादुर पांडे,सुधाकर पांडे ने माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ, माननीय अध्यक्ष वेतन समिति एवं मुख्य सचिव, उ०प्र० शासन श्री दुर्गा शंकर मिश्र, अपर मुख्य सचिव, वित्त एवं माध्यमिक शिक्षा श्री दीपक कुमार एवं माध्यमिक शिक्षा विभाग के समस्त अधिकारियों को हार्दिक आभार एवं धन्यवाद ज्ञापित किया है।

प्रदेश कोषाध्यक्ष राम सिंह ने कहा कि संस्तुतियों में जो भी विसंगतियाँ हैं, उनके निराकरण हेतु संगठन अपना पक्ष पुनः उच्चाधिकारियों से लेकर माननीय मुख्यमंत्री जी के समक्ष प्रस्तुत करेगा। माननीय मुख्यमंत्री जी स्वयं भी उस विद्यालय के प्रबंधक रहे हैं, जहाँ व्यावसायिक शिक्षा आज भी संचालित है, उन शिक्षकों की पीड़ा से सीधे अवगत हैं, हमारी वेदना उनके हृदय में है। राष्ट्र के अन्य प्रान्तों में जहाँ व्यावसायिक शिक्षक विनियमित हैं वहीं उ०प्र० में मानदेय पर कार्यरत व्यावसायिक शिक्षकों का जीवन विनियमित न होने से अंधेरे में है। अंधकारमय जीवन का यह अंधेरा निश्चित रूप से 'आदित्य' के राज में छंटेगा।

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