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संवाददाता
-विभागों के रिक्त पदों को शीघ्रता से भरने के लिए आवश्यक कार्यवाही की जाए
-पिछड़ा वर्ग के युवाओं के लिए संचालित कंप्यूटर प्रशिक्षण के लिए उच्च गुणवत्ता वाली संस्थाओं का किया जाए चयन
-दिव्यांगजन को हुनरमंद बनाने के लिए कौशल प्रशिक्षण प्रदान करें ताकि उन्हें रोजगार और स्वरोजगार के बेहतर अवसर मिल सकें
दिव्यांगजन के लिए संचालित स्कूलों का नियमित निरीक्षण किया जाए -
मंत्री नरेन्द्र कश्यप
लखनऊ।
प्रदेश के पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नरेन्द्र कश्यप ने सोमवार को विधानसभा स्थित अपने कार्यालय में विभागीय समीक्षा बैठक की। इस बैठक में उन्होंने निर्देश दिए कि पिछड़े वर्ग के छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति प्रदान करने की कार्यवाही समयबद्ध रूप से सुनिश्चित की जाए। साथ ही शादी अनुदान योजना के अंतर्गत आने वाले आवेदनों को प्राथमिकता के आधार पर निस्तारित कर लाभार्थियों को योजना का लाभ शीघ्र प्रदान करने के निर्देश दिए।
मंत्री ने विभागों के रिक्त पदों को शीघ्रता से भरने के लिए तत्काल आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए। जिन रिक्तियों की तैनाती अन्य विभागों के माध्यम से होनी है, वहां पर पत्राचार कर तैनाती सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने विभागों में रिक्त पदों को समयबद्ध तरीके से भरने के निर्देश दिए हैं और इस प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की लापरवाही या शिथिलता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
मंत्री ने यह भी निर्देश दिए कि पिछड़ा वर्ग के युवाओं के लिए संचालित कंप्यूटर प्रशिक्षण के लिए उच्च गुणवत्ता वाली संस्थाओं का चयन किया जाए, ताकि प्रशिक्षण की गुणवत्ता में सुधार हो और युवाओं को रोजगार तथा स्वरोजगार के बेहतर अवसर प्राप्त हो सकें। इसके अतिरिक्त, उन्होंने कंप्यूटर प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले युवाओं द्वारा स्वरोजगार या रोजगार प्राप्त करने के आंकड़े तैयार करने के निर्देश दिए, जिससे योजना की प्रभावशीलता का मूल्यांकन किया जा सके।
दिव्यांगजन मंत्री ने दिव्यांगजन के लिए संचालित विभिन्न योजनाओं की विस्तार से समीक्षा की। उन्होंने दिव्यांग पेंशन, कुष्ठावस्था पेंशन, शादी प्रोत्साहन, दुकान निर्माण, कृत्रिम अंग एवं सहायक उपकरण वितरण योजनाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिए, ताकि अधिक से अधिक पात्र दिव्यांगजन इन योजनाओं का लाभ प्राप्त कर सकें। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि दिव्यांगजनो के लिए संचालित स्कूलों का नियमित रूप से निरीक्षण किया जाए। दिव्यांगजनो को हुनरमंद बनाने के लिए उन्हें कौशल प्रशिक्षण प्रदान किया जाए,ताकि उन्हें रोजगार और स्वरोजगार के बेहतर अवसर मिल सकें। इसके साथ ही, दिव्यांगजनो के लिए रोजगार मेलों का आयोजन किया जाए । विशेष मेलों के आयोजन के लिए राज्य निधि का उपयोग किया जाए।
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