Hot Posts

6/recent/ticker-posts

करबला सुनना हज़रत मोहम्मद साहब की सीरत: मौलाना सय्यद राहिब हसन

...
संवाददाता। 
लखनऊ। गोलागंज स्थित मकबरे आलिया में आयोजित मजालिसे अज़ा को मौलाना सय्यद राहिब हसन संबोधित कर रहे हैं।
मौलाना ने हज़रत मोहम्मद साहब की ज़ौजा उम्मेे सलमा से रवायत पढ़ते हुए कहा कि हज़रत मोहम्मद साहब घर पर आए और कहा मैं हुजरे में जा रहा हूं किसी को अंदर नहीं आने दीजिए गा कुछ देर के बाद इमाम हुसैन आए और वो हुजरे में गए मैं कहूंगा बीबी उम्मे सलमा रसूल ने मना किया था की किसी को हुजरे में नहीं आने दीजिएगा तो आपने इमाम हुसैन को रोका क्यों नहीं तो बीबी उम्मे सलमा कहेंगी मुझे मारेफते हुसैन है किसी में और हुसैन में फर्क है।
मौलाना ने कहा कि कुछ देर बाद हुजरे से रोने की आवाज़ आई तो मैं हुजरे में गईं क्या देखा रसूल रो रहे हैं मैने कहा या नबी ए खुदा आप क्यों रो रहे हैं तो हज़रत मोहम्मद साहब ने कहा अभी अभी जिब्राइल आए थे और उन्होंने शहादते इमाम हुसैन सुनाई अब समझ में आया करबला सुनना नबी की सीरत है और खुदा का इरादा है।
अंत में मैलाना ने 13 साल के इमाम हसन के यतीम के मसाईब पढ़े जिसमे उन्होंने कहा कि शहज़ादे क़ासिम इमाम हुसैन के पास आए और कहा अम्मुजान जंग की इजाज़त दे दीजिए अम्मुजान भय्या अली अकबर के जाने से आपकी आंखों की रौशनी चली जाएगी चचा अब्बास के जाने से आपकी कमर टूट जाएगी अम्मुजान मैं यतीम हूं मेरे जाने से कुछ नहीं होगा यह सुन कर अज़ादारों में कोहराम मच गया।

Post a Comment

0 Comments