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नाबार्ड ने अपना 43वां स्थापना दिवस मनाया

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 संवाददाता  
लखनऊ। राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड), उत्तर प्रदेश क्षेत्रीय कार्यालय ने आज अपना 43वां स्थापना
 दिवस समारोह का आयोजन किया, जिसका विषय "सहकारिता से सशक्तिकरण" रहा। इस कार्यक्रम में सतत ग्रामीण विकास को आगे
 बढ़ाने और कृषि क्षेत्र में बदलाव लाने में विभिन्न हितधारकों के बीच सहयोग के महत्व को रेखांकित किया गया। इस अवसर पर उत्तर
 प्रदेश सरकार के सहकारिता मंत्री जे.पी.एस. राठौर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। इस अवसर पर अनिल कुमार, आईएएस, आरसीएस सहकारिता विभाग, उत्तर प्रदेश सरकार और जितेंद्र बहादुर सिंह,अध्यक्ष यूपीसीबी भी उपस्थित थे।
स्वागत भाषण देते हुए नाबार्ड उत्तर प्रदेश क्षेत्रीय कार्यालय के मुख्य महाप्रबंधक एस.के. दोरा ने उत्तर प्रदेश सरकार के

 सहकारिता मंत्री का स्वागत किया तथा इस अवसर पर उपस्थित होने के लिए उनका धन्यवाद किया। उन्होंने
 विस्तार से बताया कि कैसे नाबार्ड ने लाखों ग्रामीणों के दिलों को छुआ है तथा कैसे वर्ष 1992-93 के दौरान गरीबों के लगभग 500 स्वयं सहायता समूहों को
औपचारिक वित्तीय संस्थाओं से जोड़ने के लिए एसएचजी-बीएलपी के साथ इसके प्रारंभिक प्रयोग को नाबार्ड द्वारा दुनिया के सबसे बड़े माइक्रोफाइनेंस कार्यक्रम में बदल दिया गया है। उत्तर प्रदेश में अपनी स्थापना के बाद से नाबार्ड ने ग्रामीण बुनियादी ढांचे के वित्तपोषण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जिससे बाढ़ सुरक्षा उपायों, ग्रामीण विद्यालयों तथा वाटरशेड विकास पहलों के अलावा 54.11 लाख हेक्टेयर की सिंचाई क्षमता, 3.01 लाख मीटर ग्रामीण पुल तथा 46000 किलोमीटर से अधिक ग्रामीण सड़कें बनाने में मदद मिली है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि केसीसी नाबार्ड की प्रमुख वित्तीय इंजीनियरिंग पहलों में से एक है, जिसने उत्तर प्रदेश के लाखों किसानों को ऋण प्राप्त करने में आसानी प्रदान की है। पिछले 10 वर्षों में, नाबार्ड ने उत्तर प्रदेश में 62000 करोड़ रुपये से अधिक अल्पकालिक पुनर्वित्त, 22000 करोड़ रुपये दीर्घकालिक पुनर्वित्त और 18000 करोड़ रुपये का प्रत्यक्ष पुनर्वित्त उपलब्ध कराया है। इन सभी उपलब्धियों को बताते हुए उन्होंने कमजोर सहकारी बैंकों के सामने आने वाली चुनौतियों पर भी प्रकाश डाला, जैसे उच्च एनपीए, उच्च असंतुलन, कम नेटवर्थ और कम लाभप्रदता तथा परिसंपत्तियों पर कम रिटर्न, जिसके लिए इन
 सहकारी बैंकों की वित्तीय स्थिति में सुधार के लिए केंद्रित कार्रवाई की आवश्यकता है।सहकारिता मंत्री, उत्तर प्रदेश सरकार, जे.पी.एस. राठौर ने उत्तर प्रदेश में कृषि और सहकारिता क्षेत्र को बढ़ावा देने में नाबार्ड के योगदान की सराहना की। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि नाबार्ड ने अपने मेंडेट को पूरा करने के लिए प्रगति की है और वर्तमान में यह भारत की ग्रामीण विकास यात्रा का एक मजबूत स्तंभ बन चुका है। उन्होंने नाबार्ड की कार्य संस्कृति और उसके अधिकारियों की प्रशंसा की, और सहकारी समितियों के सामने आने वाले सबसे चुनौतीपूर्ण मुद्दों को धैर्यपूर्वक सुनने और उनके समाधान प्रदान करने पर जोर दिया। इसके अलावा,मंत्री ने कहा कि 2047 तक भारत को विकसित देश बनाने का लक्ष्य तभी प्राप्त किया जा सकता है जब उत्तर प्रदेश अग्रणी भूमिका निभाए। उन्होंने 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए राज्य में सहकारी समितियों और पैक्स को मजबूत करने के महत्व पर जोर दिया।
उन्होंने राज्य सरकार की विभिन्न पहलों का भी उल्लेख किया जैसे 16 डीसीसीबी के कायापलट के लिए कदम,कमजोर बैंकों की नकदी की समस्या का समाधान,समितियों में नए सदस्यों को जोड़ने के लिए व्यापक अभियान और पैक्स के लिए शेयर पूंजी जुटाना आदि। उन्होंने उल्लेख किया कि पैक्स कम्प्यूटरीकरण के लिए भारत सरकार, राज्य सरकार और नाबार्ड के बीच त्रिकोणीय सहयोग,पैक्स को बहु सेवा केंद्रों के रूप में बढ़ावा देना, विभिन्न आईटी पहलों के माध्यम से सहकारी समितियों को मजबूत करना, राज्य में सहकारी क्षेत्र को सशक्त बनाने में एक लंबा रास्ता तय करेगा। उन्होंने कहा कि पैक्स कम्प्यूटरीकरण और पैक्स द्वारा मॉडल उपनियमों को अपनाने, पैक्स को बहुउद्देशीय समितियों में परिवर्तित करने, सीएससी के एजेंट के रूप में कार्य करने वाली पैक्स,जन औषधि केंद्र के रूप में पैक्स आदि कई अन्य पहलों में यूपी सभी राज्यों में सबसे आगे है। उन्होंने जोर देकर कहा कि सरकार की हालिया पहलों के कारण यूरिया की कालाबाजारी पर लगाम लगी है इस वर्ष जून 2024 तक सहकारी क्षेत्र ने राज्य के किसानों को फसल ऋण के रूप में 8000 करोड़ रुपये का वितरण पहले ही कर लिया है।
इस अवसर पर नाबार्ड ने ग्रामीण विकास में विभिन्न हितधारकों के उत्कृष्ट योगदान को सम्मानित किया।

 यूपीएससीबी और 10 डीसीसीबी तथा 03 पैक्स को व्यवसाय विस्तार, वित्तीय समावेशन और नई प्रौद्योगिकियों को अपनाने आदि में उनके उत्कृष्ट कार्यों के लिए सम्मानित किया गया। बाराबंकी जिले के मुबारकपुर और बरैया में और बहराइच जिले के कटरा बहादुरगंज में बहुउद्देशीय पैक्स को पैक्स कम्प्यूटरीकरण कार्य के तहत उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए सम्मानित किया गया, जिसने पैक्स के संचालन और व्यवसाय विविधीकरण में पारदर्शिता और बढ़ी हुई दक्षता का मार्ग प्रशस्त किया है जिसके लिए उन्हे सम्मानित किया गया।
इस कार्यक्रम में राज्य सरकार, भारतीय रिजर्व बैंक, राज्य भर के वरिष्ठ बैंकर्स और अन्य संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया।कार्यक्रम का समापन मंत्री द्वारा ‘एक पेड़ माँ के नाम’अभियान के उपलक्ष्य में एक पौधा रोपने के साथ सम्पन्न हुआ।

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