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संवाददाता।
-निर्यातकों को परिवहन अनुदान प्रतिवर्ष अधिकतम 20 लाख रूपये दिये जायेंगे-दिनेश प्रताप सिंह
लखनऊ।
उत्तर प्रदेश कृषि निर्यात नीति-2019 (तृतीय संशोधन) 2024 के तहत आंशिक संशोधन करते हुए अधिसूचना जारी कर दी गयी है। इसके तहत कृषि उत्पादों एवं इनसे प्रसंस्कृत वस्तुओं के निर्यात पर परिवहन अनुदान (वायु मार्ग, रेल मार्ग, सड़क मार्ग तथा जल मार्ग) की अधिकतम सीमा वास्तविक भुगतान किये गये भाड़े का 25 प्रतिशत की गयी है। परिवहन अनुदान मद में हर साल अधिकतम 20 लाख रूपये प्रति निर्यातक/फर्म को दिया जायेगा। पूर्व में परिवहन अनुदान 10 लाख रूपये था। इस परिवहन अनुदान में मांस एवं चीनी के निर्यात पर कोई अनुदान देय नहीं होगा।
यह जानकारी प्रदेश के उद्यान, कृषि निर्यात, कृषि विपणन एवं कृषि विदेश व्यापार राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री दिनेश प्रताप सिंह ने दी। उन्होंने बताया कि उ0प्र0 लैंड लाफ्ट प्रदेश है, जो समुद्री तट से दूर स्थित है। जिससे निर्यातकों को समुद्री तट वाले राज्यों से प्रतिस्पर्धा करने में कठिनाई होती है। वायु मार्ग से निर्यात करने पर खर्च बहुत ज्यादा आता है, इसको दृष्टिगत रखते हुए निर्यातकों को परिवहन अनुदान दिये जाने का निर्णय लिया गया है। यह निर्णय उ0प्र0 शासन की अध्यक्षता में गठित एक राज्य स्तरीय स्वीकृत समिति में लिया गया।
कृषि विपणन एवं कृषि विदेश व्यापार राज्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश के मुख्यमंत्री जी ने निर्यातकों की व्यवहारिक समस्याओं को दूर करके उन्हें अधिक से अधिक निर्यात के लिए प्रोत्साहित करने के लिए किया है। उन्होंने बताया कि निर्यातकों की सुविधा तथा आमदनी बढ़ाने के लिए यह निर्णय लिया गया है। यह अनुदान निर्यातक से इस आशय का प्रमाण पत्र प्राप्त करने के बाद दिया जायेगा कि उनके द्वारा अन्य किसी स्रोत/विभाग से इस प्रकार का कोई अनुदान नहीं लिया गया है। उ0प्र0 कृषि निर्यात नीति-2019 (तृतीय संशोधन) 2024 के संशोधित प्राविधान 01 जुलाई, 2024 से किये जाने वाले निर्यात पर लागू होगा और 01 वर्ष के उपरान्त इन नीतिगत संशोधनों की समीक्षा की जायेगी।
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