संवाददाता
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने आज बैंकिंग सेक्टर का आह्वान करते हुए कहा कि वह कुटीर, लघु एवं मंझोले उद्योगों (एमएसएमई) को ऋण देने में उदारता बरतें और सहयोगात्मक रवैया अपनाएं ताकि ऋण—जमा (सीडी) अनुपात बढ़े और अर्थव्यवस्था बेहतर ढंग से आगे बढ़ सके।
सुरेश खन्ना उद्योग मंडल 'द एसोसिएटेड चैम्बर्स आफ कॉमर्स एण्ड इंडस्ट्री आफ इंडिया' (एसोचैम) द्वारा बुधवार को आयोजित दो दिवसीय 'उत्तर प्रदेश एमएसएमई सम्मेलन' को सम्बोधित कर रहे थे।
वित्त मंत्री ने बैंकिंग क्षेत्र का आह्वान करते हुए कहा कि वे एमएसएमई को ऋण देने में उदारता बरतें और सहयोगात्मक रवैया अपनायें। उन्होंने कहा कि सभी बैंक अपने द्वारा दिये जाने वाले कर्ज की सुरक्षा के लिये पुख्ता कदम उठायें लेकिन ऋण देने में उदारता भी बरतें। कोशिश करें कि सीडी रेश्यो बढ़ायें। यह जितना बढ़ेगा, हमारे एमएसएमई अपने उद्योगों को उतना ही बढ़ावा दे सकेंगे।
उन्होंने कहा कि मेरा विनम्र अनुरोध है कि अगर बैंकिंग क्षेत्र का रवैया सहयोगात्मक होगा तो चीजें बेहतर होंगी। हम क्रय शक्ति बढ़ाना चाहते हैं ताकि अर्थव्यवस्था बेहतर तरीके से चले। हमने आत्मनिर्भर भारत का संकल्प लिया है। हर भारतीय का सपना होना चाहिये कि हम हर तरह से आत्मनिर्भर बनें।
सुरेश खन्ना ने कहा कि आवश्यकता के हिसाब से मांग तैयार की जाती है। उन्होंने एमएसएमई इकाइयों और स्टार्टअप्स का भी आह्वान करते हुए कहा कि वे समाज की आवश्यकता को देखते हुए समाधान दें। टेक्नॉलाजी के क्षेत्र में लगातार तरक्की हो रही है। समाज की आवश्यकता को देखते हुए नवोन्मेष पर जरूर ध्यान दें।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2017 में जब भाजपा उत्तर प्रदेश की सत्ता में आयी थी तब राज्य का निर्यात वर्तमान से लगभग आधा था। आज राज्य का निर्यात एक लाख 76 हजार करोड़ का है। वर्तमान में प्रदेश का सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) 25 लाख करोड़ है। हमें इस 32 लाख करोड़ तक ले जाना है।
कार्यक्रम को उत्तर प्रदेश विकास परिषद के सह—अध्यक्ष अनुपम मित्तल, एक्जिम बैंक के मुख्य महा प्रबंधक श्री रिकेश चंद, एमएएस फाइनेंशियल्स के अधिशासी उपाध्यक्ष ध्वनिल गांधी आदि ने भी सम्बोधित किया।
इस अवसर पर एसोचैम और आईआईटी कानपुर के बीच एक सहमति—पत्र (एमओयू) का आदान—प्रदान भी किया गया।
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