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संवाददाता। लखनऊ
सौरव बंद्योपाध्याय अधाक्षय, प्रवासी बंगीय सांस्कृतिक समाज" ***********************
सबसे पहले मैं
"बांग्लावासी संस्कार समिति" की ओर से आपका स्वागत है।
मैं अपने सभी बड़ों का सम्मान करता हूं, अपने सभी दोस्तों और बच्चों को बहुत प्यार करता हूं।
उपस्थित सभी लोग
शुभ संध्या और नया साल मुबारक।
मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि आप सभी जीवन में सुखी, स्वस्थ एवं समृद्ध रहें।
मेरा सपना लखनऊ के सभी बंगालियों को गौरवान्वित करना है।
मेरा सपना हमारी संस्कृति को अन्य समुदायों तक फैलाना है,
मेरा सपना है कि सभी बंगाली हमारी समृद्ध संस्कृति और विरासत के प्रति सम्मान के साथ खड़े हों।
मेरा सपना सभी को एक छतरी के नीचे एक परिवार बनाना है।
मैं आप सभी को हमारे साथ जुड़ने और "प्रबासी बंगी सांस्कृतिक समिति" के परिवार का हिस्सा बनने के लिए आमंत्रित करता हूं ताकि आने वाले दिनों में हम बंगाल के सामने एक उदाहरण स्थापित कर सकें।
अपने व्यक्तिगत अनुभव से मैं जानता हूं कि इसे हासिल करना बहुत कठिन कार्य है, लेकिन मैं यह भी मानता हूं कि जीवन में कुछ भी असंभव नहीं है।
केवल दृढ़ इच्छाशक्ति और त्याग ही यह सफलता दिला सकते हैं।
कृपया याद रखें, कक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त करना कठिन है, लेकिन हर साल स्थान बनाए रखना सबसे कठिन काम है और इसके लिए दृढ़ता और दृढ़ इच्छाशक्ति की आवश्यकता होती है।
मैं समाज के लिए आप सभी से अनुरोध करता हूं कि थोड़ा समय दीजिए।
मैं विश्वास दिलाता हूं कि 'मां' आपको कई गुना ब्याज के साथ कर्ज चुकाएंगी।'
सभी लोग खुश रहें, सभी का भला हो, यही सच है।
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