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संवाददाता
-आगामी वर्षों में तापीय, सौर व बायो ऊर्जा से पूर्ण होगी विद्युत की मांग
-24×7 निर्बाध, सस्ती व रोस्टर फ्री विद्युत आपूर्ति की ओर बढ़ रहा प्रदेश
-पहले की सरकारों के दौरान हुए अनुबंध से आधी कीमत पर किये गए नए समझौते
-प्रदेश सरकार द्वारा विद्युत उत्पादन के लिए उठाये गये कदमों से प्रदेशवासियों को आगामी वर्षों में मांग के अनुरूप निर्बाध विद्युत आपूर्ति मिलेगी:
ए.के. शर्मा
लखनऊ। प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री ए.के. शर्मा ने नववर्ष के दूसरे दिन प्रदेशवासियों को एक और शुभ समाचार देते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश तेज़ी से 24×7 निर्बाध, सस्ती व रोस्टर फ्री बिजली देने की तरफ़ आगे बढ़ रहा है।
ऊर्जा मंत्री ए.के. शर्मा ने नववर्ष के प्रथम दिन विद्युत उपभोक्ताओं को एकमुश्त समाधान योजना की अवधि को 16 जनवरी, 2024 तक बढ़ाये जाने की खुशखबरी दी थी, तो वहीं नववर्ष के दूसरे दिन भी लोगों को 24×7 निर्बाध विद्युत अपूर्ति के साथ ही सस्ती बिजली देने का भी वादा किया है। उन्होंने कहा कि विद्युत आपूर्ति में यूपी देश में नंबर वन बना है, यह क्रम निरंतर जारी रहे, इसके लिए ऊर्जा विभाग द्वारा प्रदेश में बिजली की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए ऐतिहासिक कदम उठाये जा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि जैसे कि 19 दिसम्बर 2023 को राज्य सभा में विद्युत आपूर्ति और उत्पादन के सम्बंध में पूछे गए सवाल के जवाब में केंद्रीय ऊर्जा मंत्री ने अपने जवाब में बताया था कि उत्तर प्रदेश वर्ष 2023 में मांग के सापेक्ष 28,284 मेगावाट की सर्वाधिक विद्युत आपूर्ति कर देश में प्रथम स्थान हासिल किया।
ऊर्जा मंत्री ने बताया कि अभी गत वर्ष के अंत में 28 दिसम्बर 2023 को 500 मेगावाट सौर ऊर्जा 2.67 रूपये प्रति यूनिट की दर से खरीदने के लिए भारत सरकार की संस्था एसईसीआई से अनुबंध किया गया। यह ऊर्जा प्रदेश को पहले की सरकारों द्वारा किए गये अनुबंधों की अपेक्षा आधी क़ीमत पर मिलेगी। इससे हमारी पावर परचेज लागत में काफी कमी आएगी और ऊर्जा की औसत दर भी कम होगी, जिसका सीधा लाभ प्रदेश के उपभोक्ताओं को मिलेगा।
उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्त वर्ष-2023 में 1400 मेगावाट पवन ऊर्जा की ख़रीद के लिए भी अनुबंध किया गया। 3500 मेगावाट सौर ऊर्जा एवं 2000 मेगावाट जल ऊर्जा ख़रीदने की प्रक्रिया भी शुरू की गयी है। ऊर्जा मंत्री ने बताया कि तापीय ऊर्जा के सभी घरेलू संयंत्रों को जल्दी पूरा करते हुए, तापीय क्षमता को दोगुना करने का प्रयास भी लगातार जारी है। इसके अंतर्गत ओबरा-सी की पहली यूनिट से 660 मेगावाट विद्युत उत्पादन शुरू हो गया है। इसी प्रकार से जवाहरपुर की 2×660 मेगावाट के तापीय संयंत्र से शीघ्र ही विद्युत उत्पादन शुरू करने का कार्य चल रहा। ओबरा-डी की 2×800 मेगावाट के दो प्लांट और अनपरा में भी इसी क्षमता के बिल्कुल नये संयंत्र लगाने की प्रक्रिया शुरू है। पनकी में भी विद्युत इकाइयां चालू की जा रही हैं।
मंत्री शर्मा ने बताया कि नवीन ऊर्जा के घरेलू उत्पादन को युद्ध स्तर पर बढ़ावा दिया जा रहा है। सौर ऊर्जा के अंतर्गत 7,000 मेगावाट विद्युत उत्पादन के लिए सोलर संयंत्र लगाये जाने का कार्य जारी है। रूफटाप सोलर से भी 300 मेगावाट विद्युत उत्पादन शुरू हो चुका है, अन्य संयंत्रों पर भी कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है। सौर ऊर्जा को स्टोर करने के लिए पम्प स्टोरेज के लिए भी सरकार ने कदम बढ़ाया है। इसके अंतर्गत 12,000 मेगावाट पम्प स्टोरेज प्रोजेक्ट पर कार्य चल रहा है।
ऊर्जा मंत्री ने बताया कि किसानों को अप्रैल, 2023 से जहां एक ओर नलकूप के बिल से मुक्ति दिलाई गयी है, वहीं उन्हें और भी लाभ देने के लिए सौर ऊर्जा की तरफ़ ले जाने का प्रयास किया जा रहा है। किसानों के निजी नलकूपों का सोलराइजेशन का कार्य तेजी से चल रहा है। बायो ऊर्जा पर भी तेजी से कार्य चल रहा है। प्रदेश सरकार द्वारा उठाये गये इन सभी कदमों से प्रदेशवासियों को आगामी वर्षों में मांग के अनुरूप निर्बाध विद्युत आपूर्ति करने में कोई बाधा उत्पन्न नहीं होगी।
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