11 दिसम्बर
संवाददाता। लखनऊ
- श्रोता-दर्शकों ने कविता संग नृत्य का आनन्द लिया
प्रगति पर्यावरण संरक्षण ट्रस्ट और प्रगति इवेंट के संयुक्त तत्वावधान में शहीद पथ स्थित अवध शिल्प ग्राम खुला क्षेत्र लखनऊ में चल रहे लक्ष्मणपुर अवध महोत्सव में आज
सुकन्या सेवा संस्थान, लखनऊ द्वारा शहीद लेफ्टिनेंट कमांडर योगेश तिवारी की स्मृति में कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। डॉ शोभा दीक्षित की अध्यक्षता में हुए कवि सम्मेलन में सोमनाथ कश्यप ने कहा ' राजनीति के गिरगिट सच्चे निकल पड़े हैं गांव हमारे '। निशा सिंह नवल ने सुनाया ' भले ही लाज चुभे शूल मेरे पावों में, सफर को छोड़के घर लौटना कुशल नही'।शरद पाण्डेय शशांक की पंक्तियां थीं ' देखता हूं जब देश का अहित लोचनों से, मेरे छंद जलते अंगार बन जाते हैं '।
दीपक शर्मा ने सुनाया ' दौलत हो या शोहरत कहीं पड़ जाए न गले, मतलब से ज्यादा कुछ भी कमाता नहीं हूं मैं, शापद इसी लिए कही चर्चा नहीं मेरी, अपने ही किस्से खुद ही सुनाता नहीं हूं मैं'। डॉ शोभा दीक्षित ने कहा ' मेरे दिल में तू रहने आ गया है, मेरा दिल भी ठिकाना पा गया है '। चन्द्र देव दीक्षित ने कहा ' शब्दो में है दूरी कांटे कभी न इनमे धार धरो, घाव नही भरते हैं इनमे सोच समझ कर वार करो'। इसके अलावा संदीप अनुरागी, आशुतोष, अर्चना सिंह ने अपने काव्य पाठ से श्रोताओं को आह्लादित किया।
कार्यक्रम के अगले प्रसून में शालिनी श्रीवास्तव के संयोजन में नित्या डांस अकादमी के कलाकारों अनिका, आरोही, नित्सा, प्रावी, कौस्तुभ, अमायरा, वैभव, सृष्टि, राखी, सांची, आनन्दी, सोनाल और तनुश कुमार ने जहां फिल्मी गीतों पर नृत्य प्रस्तुत कर अपनी नृत्य प्रतिभा से परिचित कराया वहीं अवतिक और अग्रिम ने अपने सुमधुर आवाज में गीतों को सुना कर श्रोताओं को अपने गायन की क्षमता से अवगत कराया। इस कार्यक्रम के निर्णायक थे आयुष श्रीवास्तव, हर्षित सिंह और रीना। इसी क्रम में अनन्या सिंह ने गिटार पर देश भक्ति गीतों की धुने बजाकर श्रोताओं को मंत्र मुग्ध किया।
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