संवाददाता। लखनऊ
लखनऊ: गोलागंज स्थित संस्था तंजीमुल मकातिब में तीन दिवसीय मजालिस का आयोजन हुआ जिसकी आज आखिरी मजलिस को प्रबंध समिति के सदस्य मौलाना सय्यद सबीहुल हुसैन ने संबोधित किया।
मजलिस की शुरुआत तिलावत क़ुरान से मौलवी एजाज़ ने किया।
मौलवी शाह रज़ा, मौलवी मोहम्मद हसनैन, मौलवी साहिल अब्बास और मौलवी नकी अब्बास ने अशहार पढ़े।
प्रबंध समिति तंजीमुल मकातिब के सदस्य मौलाना सय्यद सबीहुल हुसैन ने कहा कि अगर मुसलमानों की क़ौम हज़रत ज़हरा की फज़ीलत आम करती तो ईसाई हज़रत मरयम की जगह हज़रत ज़हरा को ब अज़मत करार देते हुए अपना आइडियल मानते।
मौलाना ने कहा की अरबी लेखक महमूद अब्बास अकाद लिखते हैं हर क़ौम में एक न एक औरत पवित्र होती है जिसकी पवित्रा क़ौम के लोगों को अपनी तरफ खींचती है जैसा ईसाइयों में हज़रत मरयम मुसलमानों में हज़रत ज़हरा हैं।
अंत में शबीहे ताबूत की ज़ियारत कराई गई।
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