लखनऊ ।संवाददाता
लखनऊ।
देश मे शिक्षा के क्षेत्र में काम करने वाली संस्था तालीमी बेदारी के तत्वाधान में जनता के प्रेसिडेंट डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम साहब की जयंती 15 अक्टूबर को "नई शिक्षा नीति :एक आलोचनात्मक मूल्यांकन "विषयक गोष्ठी का आयोजन किया गया।जिसके मुख्य अतिथि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के पूर्व वाईस चांसलर प्रो डॉ तारिक मंसूर रहे।मुख्य अतिथि ने कलाम साहब के व्यक्तित्व व कृत्रित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि कलाम साहब के सपनो को पूरा करने के लिए हम सब को जाति, धर्म से ऊपर उठकर समाज के हर तबके को शिक्षा की मुख्य धारा में लाना होगा।कलाम साहब एक महान,निर्विवाद ,स्टेट्स मेन थे।वो हमेशा देश व समाज की बेहतरी को लेकर फिक्र मन्द रहते थे।नई शिक्षा नीति से देश में शिक्षा के क्षेत्र में क्रन्तिकारी बदलाव होगा. देश प्राथमिक स्तर से लेकर उच्च शिक्षा तक में बदलाव किये गए हैँ. आर टी ई के दायरे को बढ़ाया गया हैँ. दुनिया की टॉप यूनिवर्सिटी को भारत में यूनिवर्सिटी खोलने के मार्ग को आसान बना दिया गया हैँ जिससे उच्च शिक्षा में व्यापक बदलाव के साथ विदेशों में शिक्षार्जन के लिए जाने वाले छात्रों में कमी आएगी।उन्होंने अपने संबोधन में लड़के और लड़कियां दोनों की एक बराबर शिक्षा की बात कही। उन्होंने कहा कि न्यू एजूकेशन पॉलिसी मील का पत्थर साबित होगा। मातृभाषा में प्राइमरी शिक्षा बेहतर होती है। इससे भाषा की विविधता भी समृद्ध होगी। उन्होंने कहा कि ज़मीनी स्तर पर पॉलिसी को लागू करना थोड़ा मुश्किल काम है, लेकिन नामुमकिन नहीं।विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर शाहिद अख़्तर ने कहा कि न्यू एजूकेशन पॉलिसी आने वाले समय में देश को शैक्षिक, सामाजिक ओर तकनीकी रूप से मज़बूत करेगा।विशिष्ट अतिथि प्रोफ़ेसर साबरा हबीब ने कहा कि न्यू एजूकेशन पॉलिसी से बच्चों पर पढ़ाई का गैर ज़रूरी दबाव समाप्त हो जायेगा। प्रोफ़ेसर रिहान ख़ान सूरी ने उच्च शिक्षा में ड्रॉप आउट रेट पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि यह एक गंभीर समस्या है. खासकर लड़कियां की ड्राप आउट समस्या ज़्यादा है. घर से स्कूल की दूरी,माता पिता में जागरूकता का अभाव, समाजिक सुरक्षा आदि ड्राप आउट के प्रमुख कारण हैँ.
इसके अलावा प्रो राज कुमार, जावेद मलिक, काज़ी इमरान लतीफ़, मंणीन्द्र मिश्रा, इरशाद अहमद अलीग, प्रो सऊदल हसन, डॉ मसीह आदि सेमिनार को सम्बोधित किया.सेमिनार की अध्यक्षता प्रो राज कुमार ने व प्रभावी संचालन सगीर ए खाकसार ने किया।सेमिनार में शिक्षा, स्वास्थ्य, कला, साहित्य एवं समाजसेवा के क्षेत्र में काम करने वाले देश के प्रमुख विभूतियों व प्रतिभावान छात्र छात्राओं को सम्मानित भी किया गया.डा. मो. सादिर खां (गोंडा),डा. शाहिद (प्रयागराज),मलिक इशरत (हरदोई), अशफाक शाह (गोंडा), मतलूब खां (गोंडा), अकरम सिद्दीकी (लखनऊ), अहमद फरीद अब्बासी (सिद्धार्थनगर), डा. ए.के. मोगा (लखनऊ), डा. आसिम (उन्नाव), डा. एहसान खान (उतरौला), डा. शाहिद मलिक (प्रयागराज), गुलजार अहमद (मुरादाबाद), श्रीमती उजमा राशिद (चेयरमैन गोंडा), फरीजा मंसूरी (बाल चित्रकार, बस्ती),आदि को अपने अपने क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए सम्मानित भी किया गया।तलीमी बेदारी के अध्यक्ष डॉ वसीम अख्तर, निहाल अहमद, हेसामुद्दीन अंसारी, मारूफ अहमद, मारूफ हुसैन, डॉ. आरिज़ कादरी, डॉ. इम्तियाज, रिजवान अंसारी, अंसार अहमद, कमरूल हसन, शारिब खां, शोएब अख्तर, शाहआलम बागी, नौसाबा मुमताज़, कनीज फातिमा, सीमाब जफर, मारूफ अहमद, नवाज़ अख़्तर, खालिद चौधरी, नाहिद अकील आदि ने आये हुए अतिथियों का माल्यार्पण कर, बुके देकर व साल ओढ़ाकर सम्मान किया। डॉ वसीम अख्तर ने आये हुए अतिथियों के प्रति धन्यवाद व आभार ज्ञापित किया।
इस अवसर पर बड़ी संख्या में शिक्षाविद, सामाजिक कार्यकर्ता और अकादमिक जगत के लोग मौजूद रहे।
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