संवाददाता :लखनऊ
लखनऊ । खाद्य निगम (FCI), भारत सरकार की नोडल एजेंसी के रूप में , उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के तहत, मुख्य रूप से राष्ट्र की खाद्य-सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए खाद्यान्न की खरीद, भंडारण, संरक्षण और वितरण करती है। भारत सरकार द्वारा देश में खाद्यान्न की बढती कीमतों पर नियंत्रण के लिए“खुला बाजार बिक्री योजना(घरेलू)” के तहत खाद्यान्न की बिक्री के निर्णय के अंतर्गत भारतीय खाद्य निगम,उत्तर प्रदेश ने पिछली 10 ई-नीलामी के माध्यम से कुल 273100 मी. टन गेहूं एवं 09 ई-नीलामी के माध्यम से 174980 मी. टन चावल की पेशकश की है जिसमे से 2241 बोलीदाताओं को कुल 195620 मी. टन गेहूं की बिक्री की गयी है| आगामी ई-नीलामी दिनांक 06.09.2023 को प्रस्तावित है जिसमे 25000 मी. टन गेहूं तथा 24040 मी. टन चावल की पेशकश की जाएगी एवं उसके लिए टेंडर दिनांक 01.09.2023 को एम जंक्शन पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा|एफसीआई की ओर से मेसर्स एम-जंक्शन द्वारा प्रत्येक बुधवार को ई-नीलामी आयोजित की जाती है, जिसके लिए निविदा शुक्रवार को वेबसाइट http://www.valuejunction.in/fci पर अपलोड की जाती है।
ई-नीलामी में प्रतिभाग लेने के इच्छुक बोलीदाताओं हेतु महत्वपूर्ण जानकारी :क)एक पैन और एक जीएसटी पर, एक बोलीदाता गेहूँ के लिए अधिकतम 100 मीट्रिक टन की बोली लगा सकता है। पैन का मानदंड यह सुनिश्चित करने के लिए जोड़ा गया है कि छोटे और मध्यम रोलर आटा मिलें/आटा चक्की/प्रोसेसर, जिनकी स्थानीय स्तर पर उपस्थिति है, वे गेहूं की खुली बिक्री में भाग ले सके | चावल के ई-नीलामी में एक बोलीदाता एक जीएसटी पर 10-1000 मी. टन की बोली लगा सकता है | ख) बोली लगाने वालों के लिए ईएमडी जमा करने की अंतिम तिथि मंगलवार के स्थान पर सोमवार शाम 6:00 बजे तक कर दी गई है।अब बोली दाता ईएमडी जमा शुक्रवार से सोमवार शाम 6 बजे तक ही कर पाएंगे |ग) उत्तर प्रदेश में केवल वही खरीददार ई-नीलामी में प्रतिभाग के लिए योग्य होंगे जिनका जी०एस०टी० उत्तर प्रदेश में पंजीकृत है |घ) प्रत्येक खरीददार को ई-नीलामी (दिन बुधवार) में प्रतिभाग करने हेतु अपने पास धारित स्टॉक की स्थिति की घोषणा खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग के गेहूं स्टॉक नियंत्रण पोर्टल पर अनिवार्य रूप से करनी होगी,जैसा की गेहूँ के MTF/NIT में उल्लेखित होगा |
च) ई-नीलमी प्रक्रिया में केवल वही बोलीदाता हिस्सा ले पाएंगे जो, गेहूं का एक प्रोसेसर हो तथा आटा, मैदा, सूजी और दलिया जैसे गेहूं उत्पादों/गेहूं के डेरिवेटिव के प्रसंस्करण के व्यवसाय से जुड़े हो एवं अपने प्रसंस्करण इकाई में प्रसंस्करित कर संसाधित और पैक करते हों | प्रसंस्कृत गेहूं उत्पादों की रिलेबलिंग/विपणन (मार्केटिंग) जैसी गतिविधियों से जुड़े व्यवसायी गेहूँ की ई-नीलामी में हिस्सा लेने हेतु योग्य नहीं हैं | चावल के ई-नीलामी में सूचीबद्ध व्यापारी/थोक खरीदार/चावल उत्पादों के निर्माता प्रतिभाग कर सकते हैं |उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के अंतर्गत वर्तमान में 15.05 करोड़ लाभार्थी है | लाभार्थियों को खाद्यान्न का वितरण 79216 उचित मूल्य की दुकानों से किया जा रहा है | राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना(NFSA) के अंतर्गत उत्तर प्रदेश में भारत सरकार द्वारा 3.31 लाख मी.टन गेहूँ तथा 4.97 लाख मी.टन चावल का आवंटन प्रतिमाह निर्धारित किया गया है | जनवरी 2023 से इस योजना में खाद्यान्न का वितरण सभी लाभार्थियों को निशुल्क किया जा रहा है | |इसके अतिरिक्त पीएम-पोषण, समेकित बाल विकास योजना(डब्लू.बी.एन.पी. तथा किशोरी बालिका योजना) तथा रक्षा सेवा योजनान्तर्गत गेहूँ एवं फोर्टीफाईड चावल का आवंटन अनुरूप निर्गमन किया जा रहा है |
0 Comments