Hot Posts

6/recent/ticker-posts

डॉ. जितेंद्र सिंह, माननीय केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी ने किया सीएसआईआर-एनबीआरआई का भ्रमण

 19 अगस्त 2023

संवाददाता लखनऊ 

डॉ. जितेंद्र सिंह, माननीय केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) विज्ञान और प्रौद्योगिकी, भारत सरकार और उपाध्यक्ष, सीएसआईआर, नई दिल्ली ने आज  सीएसआईआर-एनबीआरआई का भ्रमण किया। इस अवसर पर संस्थान द्वारा आयोजित 'एक सप्ताह एक लैब कार्यक्रम' के अंतर्गत अनुसंधान एवं विकास प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया। इस अवसर पर माननीय मंत्री ने अपने संबोधन में ‘एक सप्ताह एक प्रयोगशाला’ के उद्देश्य की चर्चा करते हुए बताया आज विश्व हर क्षेत्र में वैकल्विक उपायों की तलाश कर रहा है, ऐसे में पादप आधारित औषधियां एवं अन्य उत्पाद महत्वपूर्ण विकल्प की भूमिका निभा सकते हैं। हमें बस अपनी प्रौद्योगिकियों, उत्पादों एवं शोध को सही तरीके से, सही प्लेटफोर्म पर एवं सही ब्रांडिंग के द्वारा विश्व के सामने  लाने की जरूरत है। अतः उन्होंने कहा कि विभिन्न संस्थानों को आपस में मिलकर काम करने और अपनी उपलब्धियों  को आम जनता तक पहुंचाने की जरूरत है। उन्होंने वैज्ञानिकों से आवाहन किया कि वे सोशल मीडिया को जनता के बीच विज्ञान को पहुंचाने के लिए एक माध्यम के रूप से अधिक से अधिक प्रयोग करें। उन्होंने यह भी कहा कि आज पब्लिक एवं प्राइवेट क्षेत्र में विभाजन रेखा लगभग समाप्त हो चुकी है, ऐसे में हमें अब एक साथ मिल कर काम करने की आवश्यकता है ताकि राष्ट्र हित में लक्ष्यों को तेजी से प्राप्त किया जा सके।

इस अवसर पर माननीय मंत्री जी ने सीएसआईआर-एनबीआरआई द्वारा विकसित निम्नलिखित उत्पादों एवं प्रौद्योगिकियों को भी विमोचित किया:
संस्थान द्वारा विकसित कमल की नई प्रजाति ‘नमो: 108’को देश को समर्पित किया
लोटस मिशन:
संस्थान इस मिशन के अंतर्गत किसानों को बेहतर आजीविका के लिए कमल की खेती के लिए प्रोत्साहित करेगा। इसमें मुख्य रूप से वृहद स्तर पर कमल की ‘नमो: 108’ क़िस्म का गुणन, किसानो में सीएसआईआर-फ्लोरीकल्चर मिशन के माध्यम से किसानों में वितरण और कमल से बनने वाले वस्त्र, इत्र और न्यूट्रास्युटिकल उत्पादों का प्रशिक्षण शामिल हैं।
हर्बल उत्पाद:
एनबीआरआई-गाउट-आउट: एक सहक्रियात्मक हर्बल फार्मूलेशन है जो हड्डियों में यूरिक एसिड उत्पादन और अंतर्निहित सूजन को कम करने में अत्यधिक कारगर है।
एनबीआरआई-फाईटो-V जेल: वल्वो-वेजाइनल कैंडिडिआसिस के इलाज के लिए एक मोनो-हर्बल फार्मूलेशन
सूक्ष्मजैविक प्रौद्योगिकियाँ:
बायोपल-12: यह एक जैव-कवकनाशी फॉर्मूलेशन है जिसमे 15 से अधिक फाइटो रोगजनक कवक को रोकने की क्षमता है और यह विभिन्न कृषि, फूलों की खेती और सब्जी फसलों के विकास को भी बढ़ा सकता है।
बैकी गार्ड: एंडोफाइटिक बैक्टीरिया, बैसिलस सबटिलिस स्ट्रेन एनबीआरआई-डब्ल्यू9 से युक्त जैव-कवकनाशी जो विशेष रूप से ग्लेडियोलस में फ्यूजेरियम विल्ट, येलो और कॉर्म रोट के नियंत्रण के लिए विकसित किया गया है। इसमें बायोस्टिमुलेंट गतिविधि भी है जो सरसों में सूखा सहनशीलता प्रदान करती है और टमाटर और अन्य फसलों में पौधों के विकास को बढ़ावा देती है
बायो-एजेंट पीबीई8: यह उत्पाद फ्यूजेरियम विल्ट रोग के खिलाफ प्रभावी है और टमाटर में इसकी घटना को 75-85% तक दबा देता है। यह अन्य मृदा जनित कवक रोगजनकों को भी रोकता है और संक्रमित पौधों में पौधों की वृद्धि और उपज विशेषताओं को उत्तेजित करता है।
प्रमाणित सन्दर्भ सामग्री
एक संगंधित प्रमाणित संदर्भ सामग्री "यूकेलिप्टोल" और दो औषधीय संदर्भ सामग्री "एंडोग्राफोइड" और "करक्यूमिन" को जारी किया गया। इन्हें ‘आत्मनिर्भर भारत’ लक्ष्य के तहत आईएसओ 17034:2016 की आवश्यकताओं के अनुसार तैयार किया गया है, जिससे इन प्रमाणित सन्दर्भ सामग्री को आयात करने का हमारा आर्थिक बोझ कम हो जाएगा।

माननीय मंत्री ने फूलों की खेती के व्यापार को बढ़ाने और किसानों की आय के अवसरों को बढ़ाने के लिए सीएसआईआर फ्लोरीकल्चर मिशन को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए सीएसआईआर-एनबीआरआई के प्रयासों की सराहना की। इससे पहले माननीय मंत्री और अन्य गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत करते हुए, सीएसआईआर-एनबीआरआई के निदेशक डॉ. एके शासनी ने संस्थान द्वारा चलाये जा रहे अनुसंधान एवं विकास गतिविधियों पर प्रकाश डाला। 

मुख्य वैज्ञानिक डॉ. एसके तिवारी ने अंत में धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया।

Post a Comment

0 Comments