लखनऊ/संवाददाता
इसे भाग्य की विडंबना कहें नियत का क्रूर खेल समाज का पथ प्रदर्शक शिक्षक समुदाय 12 माह से वेतन न मिलने के कारण अपनी ही सरकार में याचना के लिए मजबूर है। याचना कार्यक्रम के आज 20 दिन पूरे हो गए और उपवास का छठवां दिन लेकिन सरकार की तरफ से कोई ठोस आश्वासन न मिलने के कारण दूसरों का भविष्य बनाने वाला शिक्षक समुदाय अपने भविष्य के लिए चिंतित और परेशान है। जबकि समाज का भविष्य को सजाने सवारने का काम इन्हीं शिक्षकों की बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। लेकिन इनका अपना ही भविष्य अधर में है। माननीय मुख्यमंत्री और माननीय शिक्षा मंत्री के आश्वासन के बाद भी जिम्मेदार अधिकारियों ने अभी तक इनकी सुध नहीं ली जबकि मुख्यमंत्री ने विधान परिषद में सदन में इन शिक्षकों को आश्वासन दिया था। की कोई भी शिक्षक बाहर नहीं जाएगा जबकि लोकतंत्र में मुख्यमंत्री की इच्छा ही राजज्ञा होती है। शिक्षा मंत्री ने सदन में कहा था की शासन स्तर पर किसी भी शिक्षक का वेतन नहीं रोका गया इसकी जांच करा कर दोषी व्यक्तियों को दंडित किया जाएगा किंतु महीने बाद भी अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है। सबसे बड़ा दुर्भाग्य है भाजपा के सभी बड़े नेता चाहे राष्ट्रीय संगठन मंत्री बी एल संतोष जी, संगठन मंत्री सुनील बंसल जी, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, शिक्षा मंत्री गुलाब देवी आदि सैकड़ों विधायक दर्जनों सांसद सहित भारतीय जनता पार्टी के सभी जिम्मेदार पदाधिकारियों से सैकड़ों बार यह सभी तदर्थ शिक्षक उनकी चौखट पर दस्तक देखें मन्नते कर चुके सभी लोग यही आश्वासन देते रहे कि आप लोग कहीं बाहर नहीं होंगे सबका जैसे है वैसे चलता रहेगा आप सभी भाजपा के कार्यकर्ता हो यह पूरा संगठन और पार्टी जानती पर फिर भी पता नहीं क्यों भारतीय जनता पार्टी का मूल कार्यकर्ता ब्राह्मण और क्षत्रिय ज्यादातर तदर्थ शिक्षक होने के बाद भी शायद सरकार कोई ठोस निर्णय इन पर नहीं ले पा रहे अधिकारियों की मनमानी के कारण यह सभी तदर्थ शिक्षक सालों से बड़ी ही अनिश्चितता की स्थिति में और अवसाद की दशा में है अधिकांश शिक्षक रिटायर भी हो चुके हैं हम सभी लगभग 25 वर्ष सेवा करने के बाद अपने भविष्य को लेकर चिंतित और परेशान हैं सभी तदर्थ शिक्षक साथियों द्वारा संयोजक राजमणि से आग्रह किया गया कि अभी आमरण अनशन को स्थगित कर दिया जाए क्योंकि हम सभी लोग एक सूत्री मांग को लेकर याचना कार्यक्रम कर रहे थे उसको सरकार ने लगभग वेतन के लिए तैयार हो गई है परंतु जो सेवा सुरक्षा के बारे में सरकार निर्णय लेना चाहती है उस पर अभी सहमति नहीं बन पा रही है इस कारण अभी इस सप्ताह आमरण अनशन को स्थगित करने की सभी शिक्षक साथियों की सलाह उसको संयोजक राजमणि सिंह ने सुधार करते हुए आमरण अनशन को अग्रिम सूचना तक स्थगित करने की घोषणा की
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