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सीताराम नाम का पाठ कर और बजरंगबली से याचना कर तदर्थ शिक्षकों का याचना कार्यक्रम लगातार छठवें दिन भी जारी रहा

 लखनऊ/ संवाददाता

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25 जून 

 रविवार को तदर्थ शिक्षकों का याचना कार्यक्रम लगातार छठवें दिन भी जारी रहा अपने वेतन अपने सम्मान के लिए तदर्थ शिक्षक वर्षों से लगातार संघर्ष कर रहा हैअकारण अवरुद्ध  वेतन पाने के उद्देश्य लखनऊ की सड़कों पर कभी दोनो उपमुख्यमंत्री के यहां कभी वरिष्ठ मंत्रियों के यहां कभी शासन में बड़े अधिकारियों के यहां शिक्षा विभाग के बड़े अधिकारियों के यहां भ्रमण करता रहा लेकिन वर्षो से अवरुद्ध वेतन का कहीं किसी भी प्रकार से वेतन मिलने की उम्मीद जब ना उम्मीद हो गई तब अंत में तदर्थ शिक्षकों का एक सामूहिक निर्णय हुआ जिसमें सर्व सम्मत से याचना के कार्यक्रम को करने का प्लान बना आज उसी के क्रम में लगातार हजारों शिक्षक निदेशालय पर अपने याचना कार्यक्रम के तहत सीताराम नाम का लगातार पाठ कर रहे हैं और प्रभु बजरंगबली से याचना करके आदरणीय यशस्वी मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश महाराज योगी आदित्यनाथ से वेतन दिलाने की सिफारिश कर रहे हैं प्रथम दिन 20 जून 2023 को याचना कार्यक्रम स्थल पर महाबली बजरंग बली की प्रतिमा रखकर और प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रतिमा रखकर के अपने याचना प्रार्थना पत्र को बजरंगबली के चरणों में समर्पित करते हुए इस उद्देश्य के साथ की बजरंगबली हमारी याचना माननीय मुख्यमंत्री तक पहुंचा कर हम सभी का वेतन निर्गत कराने का कष्ट करें प्रथम दिन सुंदरकांड का पाठ कर 20 जून 2023 दिन मंगलवार को शुरुआत किया और आज छठे दिन के रूप में रविवार को भी सीता राम नाम का जाप करके अपने वेतन की याचना महाबली बजरंगबली से कर कर मुख्यमंत्री जी से वेतन दिलाने की कृपा करने का अनुरोध किया सोमवार को पुनः हम सभी साथी प्रदेश के हर जनपद से आकर के निदेशालय पर 10:00 बजे के बाद फिर से याचना के क्रम में हम सभी सीताराम नाम का जाप करेंगे और प्रभु बजरंगबली की शरण में रहकर के अपनी याचना करते हुए ।बजरंगबली से यह प्रार्थना करेंगे ।हम सभी का वेतन योगी आदित्यनाथ जी महाराज से निर्गत कराने का कष्ट करें। जो कुछ बीच में अधिकारी सर्वोच्च न्यायालय के आदेश की गलत व्याख्या कर हम सभी का वेतन को अवरुद्ध किए हैं हम यह भी कहेंगे  बजरंगबली उनको भी सद्बुद्धि दें जिससे कि महाराज जी को यह सभी लोग भ्रमित ना कर पाए और हम सभी का वेतन निर्गत हो सके और हम सभी लोग अपने परिवार का पालन पोषण कर सके जिससे पूर्ण मनोयोग से अपने उन बच्चों को पढ़ा सके जिन को पढ़ाने की हमको जिम्मेदारी मिली है



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