लखनऊ।। संवाददाता
सनातनी मूल्यों पर ही अब होगी राजनीत 2024 में मोदी की राह नहीं होगी आसान भारतीय राजनीति में हिंदुत्व का नया अध्याय मोदी के तृप्तिकरण ने कट्टर हिंदू पार्टी को जन्म दिया हिंदुओं के रोष ने जन्मी नई पार्टी हिंदू हित को समर्पित नई राष्ट्रीय पार्टी
भारतीय राजनीति में हिंदुत्व को लेकर सिर्फ बीजेपी आरएसएस का ही नाम लिया जाता था। लेकिन अब इनके गढ़ को तोड़ने के लिए एकम सनातन भारत दल नाम की नवगठित राष्ट्रीय राजनीतिक पार्टी आ चुकी है. एकम सनातन भारत दल के उत्तर प्रदेश संयोजक एवं राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य विंग कमांडर पुष्कल द्विवेदी (से) ने आज लखनऊ में पत्रकारों को संबोधित करते हुए बताया कि वर्तमान भाजपा हिंदुत्व के मार्ग से हट चुकी है और मुस्लिम तुष्टिकरण के चरम बिंदु पर पहुंच कर सिर्फ सनातन संस्कृति का नुकसान कर रही है. आज केंद्र में सत्ताधारी दल हर क्षेत्र में हिंदुओं को पीछे कर देश को इस्लामी करण की तरफ ले जा रहा है। सेना को कमजोर किया जा रहा है और एक षड्यंत्र के तहत रोहिंग्या बांग्लादेशी मुख्य राजमार्गों रेलमार्गों पर बसाए जा रहे हैं। जहां एक ओर मोदीजी पसमांदा मुस्लिम तृप्तिकरण की मुहिम चालू किए हैं वहीं दूसरी ओर भोली हिंदू जनता इन्हें हिंदुत्व का रक्षक समझने की भूल कर रही है. उन्होंने बताया कि देश की राजनीति जब जब सनातन के मूल्यों से दूर हुई है तब तब देश की अस्मिता और संप्रभुता खतरे में आई है. एकम सनातन भारत दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अंकुर शर्मा जी ने लंबी कानूनी लड़ाई लड़कर हिंदू दमनकारी रोशनी एक्ट को कोर्ट से निरस्त करवाया और साथ ही हिंदुओं के लिए जम्मू कश्मीर में अल्पसंख्यक दर्जा प्राप्त करने का केस भी जीता. लेकिन दोनों ही केस में बीजेपी की केंद्र सरकार ने मुसलमानो के हितों को अधिक महत्वपूर्ण समझते हुए कोर्ट के आदेश को भी नजरंदाज कर दिया और हिंदुओं को उनकी जमीन और उनके अधिकार वापस नहीं दिये. दल के राष्ट्रीय महासचिव संदीप देव जी, जो स्वयं एक वरिष्ठ पत्रकार हैं, राष्ट्र और धर्म हित के मुद्दों पर दशकों से सनातनियों की आवाज बने हुए हैं। अब तक जो भारत के राष्ट्रवादी सनातनी मजबूरी में भाजपा को चुनते थे, उनके लिए एकम सनातन भारत दल एक संपूर्ण सनातनी विकल्प बनकर आया है. विंग कमांडर पुष्कल द्विवेदी ने यह भी बताया कि यह पार्टी सप्त संकल्प लेकर बनी है और यह सप्त संकल्प मंदिरों की मुक्ति करने से लेकर वक्फ एक्ट को निरस्त करने , भारत के इस्लामी करण को रोकने और हिंदुओं को उनका हक दिलाने को लेकर हैं. उन्होंने यह भी बताया कि यह पार्टी भारत की पहली ऐसी राजनीतिक पार्टी है जिसने सैन्य और पुलिस बलों के उत्थान एवं कल्याण को अपने सप्त संकल्प में डाला है.एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने बताया की एकम सनातन भारत दल की फंडिंग अर्थ पर होगी अनर्थ पर नहीं, इसलिए केजरीवाल- कांग्रेस इत्यादि की तरह विदेशी एनजीओ से कोई भी पैसा नहीं लिया जाएगा। इस पार्टी की फंडिंग सिर्फ और सिर्फ सनातनियों द्वारा ही होगी. जहां एक और मोदी की प्रतिष्ठा और कद को बाकी विपक्षी दल सेकुलर मुद्दों पर चुनौती दे रहे हैं वहीं एकम सनातन भारत दल सनातन हितों के केंद्रीय विषयों पर मोदी की असफलता को इंगित कर रहा है. सरकारी खजाने को जिस प्रकार से पसमांदा तृप्ति करण के नाम पर मुसलमानों पर लुटाया जा रहा है, उसके विरोध में एकम सनातन भारत दल मुखर आवाज उठा रहा है. ऐसा लगता है कि कट्टर सनातनी जनता एकम सनातन को भाजपा से अधिक पसंद करेगी क्योंकि एकम सनातन के मुद्दे सिर्फ और सिर्फ सनातनी मुद्दे हैं जिनको हल करने में मोदी सरकार विफल रही है. 2024 की राह नहीं होगी मोदी के लिए आसान यह दावा भी एकम सनातन भारत दल के उत्तर प्रदेश संयोजक एवं राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य विंग कमांडर पुष्कल द्विवेदी(से) ने आज लखनऊ में पत्रकारों के बीच किया. उन्होंने बताया कि मोदीजी ने हिंदुत्व की राह छोड़ दी है और खुलकर पसमांदा तृप्तिकरण के नाम पर मुस्लिम तुष्टिकरण की पराकाष्ठा पर उतर आए हैं। हिंदू समाज के मुद्दों पर भाजपा अब तक असफल रही है. चाहे वह काशी में मंदिरों तथा अक्षय वट का विध्वंस हो , अयोध्या में सीता रसोई का विध्वंस हो, राम लला के मंदिर में गौ मांस भक्षकों द्वारा गर्भ गृह बनाने का ठेका हो, बंगाल में मरते हिंदू हों या फिर मणिपुर में भयानक हिंसा का शिकार हो रहे मैतेई हिंदू हों, भाजपा ने हिंदुओं का साथ न देकर सिर्फ मुस्लिम तृप्तिकरण को ही चुना है इसलिए सनातनीयों ने अब भाजपा को सत्ता से उखाड़ फेंकने का निश्चय कर लिया है। उन्होंने बताया कि हिंदू समाज के सभी वर्गों में केंद्र सरकार की विभाजनकारी नीतियों और हिंदुओं को चतुर्थ श्रेणी का नागरिक बनाने के प्रयासों को लेकर बहुत रोष है और इसलिए सनातनी एकजुट होकर एकम सनातन भारत दल में ही सनातन के हित और सनातन राष्ट्र का निर्माण देख रहे है. उन्होंने यह भी बताया की जिस प्रकार कश्मीर, महाराष्ट्र, बंगाल , केरल मणिपुर आदि प्रदेशों में हिंदू जनता और हिंदू संतों की हत्या पर यह सरकार मौन रही और न्याय तो दूर हिंदुओं की हत्याओं के बावजूद हिंदू समाज की रक्षा करने में असमर्थ रही, उससे उपजा रोष ही वह कारण था जिसने एकम सनातन भारत दल को गठित करने और 2024 लोकसभा चुनाव में लड़ने की प्रेरणा दी. उन्होंने यह भी बताया भाजपा और संघ के भीतर का ही एक बड़ा सनातनी तबका मोदी जी की तृप्तिकरण की नीतियों और सेकुलर चेहरे से असंतुष्ट है और भारतीय राजनीति में सनातनी सिद्धांतों की पुनर्स्थापना चाहता है. पत्रकारों के प्रश्नों का उत्तर देते हुए उन्होंने बताया की हिंदुओं की आवाज उठाने वाली अभी तक कोई भी पार्टी नहीं थी। एक तरफ भारत का विपक्ष है जिसमें कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, आप, तृणमूल कांग्रेस जैसी घोर हिंदू विरोधी वामपंथी पार्टियां शामिल है तो दूसरी ओर भारत का सत्ताधारी दल हिंदुओं को सिर्फ वोट बैंक के रूप में देखता है लेकिन ना ही हिंदू की रक्षा कर पा रहा है और ना ही सनातन द्रोहियों पर अंकुश लगा पा रहा है. भाजपा ने अपना पूरा ध्यान मुस्लिम देशों और मुस्लिम समाज को खुश करने में लगा रखा है चाहे इसके लिए उसे काशी अयोध्या में मंदिर विध्वंस ही क्यों न कराने पड़ें। इस कारण से एकम सनातन भारत दल को राजनीति में सनातनियों की शक्ति और आवाज बन कर उतरना पड़ा है. एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने यह बताया कि भविष्य में उनकी पार्टी अपने सप्त सिद्धांतों, जो सनातन राष्ट्र की नींव रखते हैं, पर ही कार्य करेंगे और ऐसा कोई भी गठबंधन जो सनातनी विचारधारा पर आधारित नहीं है वह नहीं किया जाएगा. उन्होंने बताया कि हमारा उद्देश्य सिर्फ सत्ता हासिल करना ही नहीं है बल्कि भारत की राजनीति को सनातनी स्वरूप प्रदान करना भी है, जिसमें खुलकर बिना किसी हिचक के सनातन के हित में सरकार कार्य करेगी. हमारा उद्देश्य सनातन के विभिन्न अंगों को जोड़कर शक्तिशाली और प्रभावशाली सत्ता का निर्माण करना है जो धर्मांतरण , आतंकवाद, विभिन्न प्रकार के जिहाद, वामपंथ और पाश्चात्य संस्कृति के खतरों से भारतवर्ष की रक्षा कर सके. एकम सनातन भारत दल भारत की एकमात्र ऐसी राजनीतिक पार्टी है जो पूरी तरह से सनातनी मूल्यों पर समर्पित है और जिसका पथ प्रदर्शन सनातन को सशक्त करने वाले सप्त सिद्धांत करते हैं. एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने यह भी बताया यदि किसी को यह लगता है की वे वोट काटने आए हैं तो हमारे सनातनी सिद्धांतों को सत्ता अपना ले और मुस्लिम पुष्टिकरण छोड़ दे. उन्होंने भाजपा को चुनौती देते हुए कहा की आगामी 19 तारीख को दिल्ली के जंतर मंतर से हिंदू मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से छुड़ाने के आंदोलन का उद्घोष किया जाएगा। यदि इस सरकार ने मुस्लिम तृप्तिकरण बंद नहीं किया और सनातनियों को न्याय तथा उनका अधिकार नहीं दिया तो 2024 में सत्ता से बाहर होने के लिए तैयार रहें। प्रेस वार्ता में एकम सनातन उत्तर प्रदेश की मीडिया प्रभारी शारदा शुक्ला और मध्यांचल जोन के प्रभारी गौरव भी शामिल रहे।
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