Hot Posts

6/recent/ticker-posts

रक्षा मंत्री एवं लखनऊ के लोकप्रिय सांसद राजनाथ सिंह शुक्रवार शाम तीन दिवसीय यात्रा पर लखनऊ पहुंचे

 लखनऊ /संवाददाता



रक्षा मंत्री एवं लखनऊ के लोकप्रिय सांसद राजनाथ सिंह शुक्रवार शाम तीन दिवसीय यात्रा पर लखनऊ पहुंचे
 लखनऊ आगमन के उपरांत रक्षा मंत्री मनकामेश्वर मंदिर पहुंचे जहां क्षेत्रीय निवासियों और मंदिर समिति सदस्यों द्वारा पुष्प वर्षा, शंखनाद और घंटे घड़ियाल के साथ भव्य स्वागत किया गया।मंदिर में रक्षा मंत्री जी ने भगवान भोलेनाथ पर पुष्प अर्चन और जलाभिषेक किया।  महंत दिव्या गिरी और पुजारियों द्वारा मंत्रोच्चार और विधि विधान के साथ रुद्राभिषेक पूजन भी कराया गया। मंदिर में सभी देवी देवताओं का एक-एक कर दर्शन किया । महंत दिव्या गिरी द्वारा भगवान का चित्र भेंट किया गया। क्षेत्रीय पार्षद रंजीत सिंह द्वारा भगवान भोलेनाथ की कांस्य प्रतिमा भेंट स्वरूप प्रदान की गई। दर्शन पूजन के दौरान महानगर अध्यक्ष मुकेश शर्मा और महापौर सुषमा खर्कवाल भी उपस्थित रहे।मनकामेश्वर मंदिर के उपरांत रक्षा मंत्री लेटे हुए हनुमान मंदिर पहुंचे और दर्शन पूजन के साथ आरती की और बड़ी माला  अर्पित की।पूजन के उपरांत समिति द्वारा मंदिर के ऐतिहासिक मान्यता के विषय में बताया गया और भेंट स्वरूप हनुमान जी की शक्ति का स्वरूप गदा भेंट की।लेटे हुए हनुमान मंदिर में दर्शन के उपरांत रक्षा मंत्री ने कहा कि मंदिर समिति के लोगों ने जब मंदिर के बारे में मुझे जानकारी दी तो मेरे मन में इच्छा हुई कि मैं भी हनुमान जी का दर्शन अवश्य करूंगा और सामान्यतः मंदिर पूजा स्थल पर मैं कुछ मांगता नहीं। मेरा मानना है कि  छोटे मन से कोई बड़ा काम नहीं कर सकता, छोटे मन से जनता की सेवा भी ईमानदारी के साथ नहीं कर सकता है। चुनाव के दौरान इसीलिए मैं कभी कोई आश्वासन नहीं देता हूं कि यहां सड़क ला दूंगा, यहां स्वर्ग बना दूंगा, समस्याओं का समाधान कर दूंगा, मैंने कभी भी आश्वासन नहीं दिया। मैं सदैव यही कहता हूं कि मैं प्रयास करूंगा और मैं मानता हूं कि जीवन में मनुष्य को कामयाबी तभी मिल पाती है जब ऊपर वाले की कृपा होती है। किसी का विश्वास हो अथवा ना हो लेकिन मेरा विश्वास है और मैं समझता हूं कि विश्वास ही जिंदगी की सबसे बड़ी ताकत है जिंदगी में विजय और पराजय दोनों को हमने देखा है और बहुत नजदीक से देखा । प्रशंसा और आलोचना दोनों को झेला है लेकिन बराबर बिना विचलित हुए मैंने जो खून निकला समाज के प्रति हमें निभानी चाहिए वह निभाने की कोशिश करता हूं कहां तक निभा पाता हूं कितने ईमानदारी से निभा पाता हूं इसका मूल्यांकन मैं खुद नहीं कर सकता इसका मूल्यांकन यदि कोई कर सकता है तो वह समाज या अन्य लोग ही कर सकते हैं और मैं इसे अपना सौभाग्य मानता हूं कि यहां आने का मुझे अवसर प्राप्त हुआ है और जो मैंने अनुभव किया है अपने जीवन में मंदिर और मस्जिदों में जाता हूं इस स्थान पर भी वाइब्रेशन है यह मुझे जो अनुभव हुआ है मैं उस आधार पर कह रहा हूं और इस अवसर पर समिति का आभार व्यक्त करता हूं कि उन्होंने मंदिर के विषय में चर्चा करके मुझे यहां आने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।मीडिया प्रभारी प्रवीण गर्ग ने बताया कि इस अवसर पर महानगर अध्यक्ष मुकेश शर्मा सदस्य विधान परिषद,महापौर सुषमा खर्कवाल, सांसद प्रतिनिधि दिवाकर त्रिपाठी, महानगर महामंत्री त्रिलोक अधिकारी, डॉ राघवेंद्र शुक्ला मुख्य रूप से उपस्थित रहे।

Post a Comment

0 Comments