लखनऊ।। संवाददाता
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कविता के माध्यम से टेक्नोलॉजी पर हुआ संवाद
साइबर अपराध के खिलाफ लड़कियां और महिलाएं 1090 पर बेझिझक कॉल करें - डॉ. अरविन्द चतुर्वेदी
लखनऊ। गुरुवार को बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय के पर्यावरणीय अध्ययन कांफ्रेंस हॉल में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस के अवसर पर सूचना प्रौद्योगिकी विभाग और संस्थान के नवाचार परिषद के संयुक्त प्रयास से महिला सशक्तिकरण के साथ सतत विकास के लिए प्रौद्योगिकी और विज्ञान विषय पर सेमिनार आयोजित हुआ।दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित कार्यक्रम का लाइव प्रसारण भी दिखाया गया।डीआईटी में एक इन्क्यूबेशन हब स्थापित करने की चर्चा हुई।
दिल्ली के प्रगति मैदान में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस 2023 कार्यक्रम का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया।इस कार्यक्रम का लाइव प्रसारण बीबीएयू में हुआ।बीबीएयू में आयोजित सेमिनार में डॉ. राजश्री ने अतिथियो का स्वागत किया और उन्होने राजेवरी चटर्जी, कल्पना चावला, मिसाइल वुमेन रेसी थामस, रॉकेट वुमेन हाफ़ इंडिया रितु करियाल के बारे में बताया।सूचना प्रौद्योगिकी विभागाध्यक्ष डॉ. धीरेन्द्र पाण्डेय ने कुलपति आचार्य संजय सिंह का धन्यवाद ज्ञापित किया।राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी की शुभकामनायें देते हुए कहा कि डीआईटी में एक इन्क्यूबेशन हब की स्थापना की जाएगी,जहां विद्वान महिला कार्यबल और देश में नौकरी के अवसरों के बीच की खाई को पाटने के लिए डिजिटल इंटरफेस विकसित किया जायेगा।हमें विज्ञान को समाज से जोड़कर रखना है।मौजूदा दौर में हो रही घटनाओ के से सतर्क रहने की जरुरत है।विभिन्न तरीकों से बेवकूफ और फ़्रॉड करने वाले से सावधान रहे।विशेषकर महिलाओं को अपने अधिकारों जानना चाहिए।एसपी विजिलेंस डॉ. अरविन्द चतुर्वेदी ने युवाओं को जागरूक और आगाह किया और साइबर क्राइम से जुड़े पहलुओं पर विस्तृत चर्चा की।उन्होने मौजूदा साइबर क्राइम से जुड़े उदाहरण व उनके द्वारा हैंडल किये गए केस को साझा किया और उसके लिए जागरूकता फैलायी।उन्होने कहा कि युवा वर्ग लड़कियों के साथ अगर कोई अप्रिय घटना होती है तो बेझिझक 1090 पर फ़ोन करके अपनी समस्या बताएँ।हिंसा को नो कहना सीखना होगा।आज भी हमें अपने विधिक अधिकारों को जानने की जरुरत है। उन्होने आईटी एक्ट 67(A),67 (B), पॉस्को एक्ट, आईपीसी धारा 294,376 आदि के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने विशाखा गाइडलाइन और महिला आयोग की जानकारी साझा की।राष्ट्रीय कवि और तकनीकी अधिकारी पंकज प्रसून ने कविता के माध्यम लोगों को जागरूक किया।उन्होंने ने सामाजिक बर्बादी को स्क्रीनशॉट तक और आर्थिक बर्बादी ओटीपी तक सीमित होने की बात कही।जीवन की परिभाषा को मोबाइल से बचे समय जीवन को बताया।उन्होने मोबाइल पर बोलते हुए कहा कि मोबाइल ने सर झुकाकर चलना सिखा दिया।अब बच्चें प्लेग्राउंड के बजाय प्लेस्टोर खेल रहे है।उन्होंने एक स्वरचित कविता - 'जुड़ गए अकॉउंट फेसबुक पर...... जिन्हें साइन करना नहीं आता है' का पाठ किया। उन्होने कहा कि देश को मिसाइल से ज्यादा आज स्माइल की जरुरत हैं।उन्होंने अंत में सामाजिक जुड़ाव को लेकर कविता हम सोशल मीडिया के झूले में इस तरह झूल रहे... पासवर्ड तो याद है पर पडोसी को भूल रहे हैं। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के नारे जय जवान, जय किसान,जय विज्ञान, जय अनुसन्धान के बारे में चर्चा करते हुए नारे के अंत में जय संविधान जोड़ने की अपील की।प्रो.राणा प्रताप सिंह ने कहा कि दुनियां की उभरती हुई समस्या से कैसे लड़ेंगे इस पर विचार करना चाहिए।डीन डॉ.संजय कुमार द्विवेदी, आईईटी प्रो. वंदना सहगल ने सम्बोधित किया।मंच का संचालन डॉ. अलका ने किया।डॉ. पवन चौरसिया ने धन्यवाद ज्ञापित किया।डॉ.नीरज तिवारी,बबिता पाण्डेय,अमित कुमार सिंह, मनीष जोशी,संध्या,वीरेंद्र सिंह, अश्वनी, अपूर्व,मो.सुहैल आदि मौजूद रहे।
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